होली हिंदुओं के द्वारा प्रमुख त्योहार माना जाता है। ‘ रंगों का त्योहार ‘ यह होली का त्यौहार फागुन महीने के पूर्णिमा दिन मनाया जाता है। होली के दिन अपने घर आते हैं क्योंकि यह हिंदुओं का बहुत ही बड़ा पर्व माना जाता है। और आप लोग यह पोस्ट को पूरा पढ़ते हो तो आप लोग को समझ में आएगा कि होली का त्यौहार क्यों मनाया जाता है और होली के कुछ ऐसी महत्वपूर्ण चीजें जो कि आपको जानना बहुत ही जरूरी है। सबके घरों में मिठाइयां बनाई जाती है। भारत मैं बहुत सारे त्यौहार मनाया जाता है लेकिन होली एक ऐसा त्यौहार मनाया जाता है जिसमें की बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक होती है। Holi Kyu Manaya Jata Hai
होली का त्यौहार क्यों मनाया जाता है और कैसे मनाया जाता है।
होली के दिन सभी के घरों में पकवान पर मिठाई बनाते हैं और खुद खाते हैं और दूसरे को भी चलाते हैं क्योंकि इस दिन भारत का एक महत्वपूर्ण पर्व जैसा ही मनाया जाता है। जितने सारे महत्वपूर्ण पर्व मनाए जाते हैं सभी के सभी पर्व होली के बाद ही मनाया जाता है। आप लोग को पता नहीं है कि होली का त्यौहार क्यों मनाया जाता है तो इस पोस्ट पर आज आप लोग जान जाओगे कि होली का त्यौहार क्यों मनाया जाता है।
आपको देखना है कि होली किस प्रकार खेला जाता है। तो आप लोग वृंदावन जाकर देख सकते हो कितना अच्छा वहां पर सभी लोग होली खेलते हैं। क्योंकि वहां पर भगवान श्री कृष्ण और राधा जी का दिन है होली खेला था जिसके कारण से बहुत ही महापर्व जैसा ही होली को खेला जाता हैं।
होली के दिन सब कोई बहुत मस्ती करता है और साथ ही साथ हमें सब कुछ ढोल बजाता है कुछ लोग ऐसे हैं जो कि डीजे ऑर्डर कर लेते हैं और पूरा गांव मोहल्ला तरफ डीजे बजा बजाकर होली खेलते हैं। आप लोग कभी भी होली नहीं खेल रहे हो तो एक बार होली खेलकर देखना कितना मजेदार लगेगा। कुछ लोग का ऐसा जुनून है जो कि अमेरिका से इंडिया आते हैं होली खेलने के लिए क्योंकि अमेरिका में कुछ इस तरह का नियम नहीं है जो कि वहां पर होली खेल सकता है इसलिए इंडिया पधारते हैं। अभी तो इंडिया में होली खेलकर मस्ती करते हैं।
जब हम लोग होली का बात करते हैं उस समय हिरण्यकश्यप का भी बात होता है। जो कि इस का कहानी बहुत ही मजेदार है। आप लोग इसके बारे में नहीं जानते हो तो सबसे पहले आप लोग हिरण्यकश्यप के बारे में जानना होगा तभी आपको होली समझ में आएगी।
होली का इतिहास क्या है?
प्राचीन काल में हिरण्यकश्यप भारत के राजा थे। हिरण्यकश्यप देखने में राक्षस की तरह दिखते थे। और उसके अंदर अपने भाइयों का बदलाव लेने का उत्सर्जन था। इतने कश्यप के भाई को भगवान श्री विष्णु ने मारा था। हिरण्यकश्यप अपने आप को बहुत शक्तिशाली बनाने के लिए वह सालों तक प्रार्थना करते रह गया। अंतिम में उसको वरदान मिल ही गया जिसके कारण से हिरण्यकश्यप को अपने आप भगवान समझने लगा और लोगों को मार काट कर अपना पूजा करवाने लगा। इस दुष्ट राजा का एक बेटा था और उसका नाम प्रहलाद था। उसका बेटा भगवान श्री विष्णु का बहुत बड़ा भक्त था।
प्रहलाद ने अपने माता पिता का कहना कभी नहीं माना और वह हमेशा भगवान श्री विष्णु का पूजा करता था। पर एक बार जब उसका बेटा भगवान श्री विष्णु का पूजा करता था और हिरण्यकश्यप का बात नहीं मानता था तो वह अपने बेटा को मारने पर तुल गया। जब राजा के कुछ नहीं हुआ तब वह अपनी बहन होलिका से कहा कि प्रहलाद को गोद में लेकर आग में बैठ जाए। चूची होलिका को वरदान था कि वह आग में कभी नहीं चलेगा इसलिए उसको ऐसा बोला गया कि प्रहलाद को गोद में लेकर आग में बैठ जाओ और प्रहलाद जल जाएगा। राजा को कुछ इस प्रकार लग रहा था। राजा की योजना विफल गई। क्योंकि प्रहलाद हर समय भगवान श्री विष्णु का नाम लेते थे जिसके कारण से वह बच गया और होलिका जलकर राख हो गई। क्योंकि यह हर बुराई के नष्ट होने का प्रतीक था।
इसके बाद भगवान श्री विष्णु ने हिरण्यकश्यप का वध कर दिया। इसलिए भारत में होली का त्यौहार, इसलिए होलिका की मौत की कहानी से जुड़ा हुआ है। इसके चलते भारत में कई राज्यों में होली के 1 दिन पहले बुराई का अंत के प्रतीक के तौर पर जश्न मनाई जाती है और होलिका को भी जलाया जाता है।
होली में रंग का भाग क्यों बना और कैसे बना ?
यह कहानी भगवान विष्णु के अवतार भगवान श्री कृष्ण के समय की बात है। माना जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण रंगों से होली मनाते थे। इसलिए होली का त्यौहार में रंग का उपयोग किया जाता है और रंग लोकप्रिय भी हैं। भगवान श्री कृष्ण वृंदावन और गोकुल में अपने साथियों और अपने गोपियों के साथ होली मनाते थे। साथ ही साथ में अपने गांव के साथ भी होली मनाते हैं। आज भी वृंदावन जैसा होली पूरे भारत राज्य में कहीं नहीं मनाया जाता है।
होली वसंत का त्यौहार। जैसे ही होली का त्यौहार मनाया जाता है उसके बाद सर्दिया खत्म होती है। कुछ राज्यों में इस त्यौहार के संबंध वसंत की फसल पकने से भी मनाया जाता है। किसान बहुत ज्यादा खुश रहते हैं इसके कारण से खुशी में होली मनाते हैं। कुछ जगहों पर होली को ‘ वसंत महोत्सव ‘ या ‘ काम महोत्सव ‘ भी कहा जाता है।
भारत में होली एक प्राचीन त्यौहार क्यों मनाया जाता है।
होली त्यौहार प्राचीन हिंदू त्यौहार में से एक है। होली त्यौहार ईसा मसीह के जन्म से पहले कई सदियों पहले से मनाया जा रहा है। होली का वर्णन जैमिनी के पूर्वमीमांसा सूत्र और कथक सूत्र में भी है।
प्राचीन भारत के मंदिरों में भी होली की मूर्तियां बनाई गई है। ऐसे ही सोलवीं सदी का एक मंदिर विजयनगर की राजधानी एमपी में उपलब्ध है। इस मंदिर में होली के तरह-तरह की मूर्तियां बनाई गई है जिसमें कि राजकुमार, राजकुमारी , अपनी दासों पर एक दूसरे पर रंग लगाई जाती है।
कोई मध्ययुगीन चित्र जैसे की 16वीं अहमदनगर चित्र, मेवाड पेंटिंग, बूंदी के लघु चित्र, कुछ इस प्रकार से चित्र बनाई गई है और तरह-तरह की होली मनाते दिखाया गया है।
होली के रंग क्या होता है।
पहले के समय में होली का रंग टेसू और पलाश के फूलों से बनाते थे। और उन्हें गुलाल के नाम से भी जाना जाता है। किस रंग से त्वचा में कुछ भी समस्या नहीं होती है क्योंकि इसमें कोई रसायन मिलावट नहीं रहता है। अभी किस समय में रंग में बहुत परिवर्तन हो चुका है। आज के समय में लोग रंग का नाम लेकर अधिक मात्रा में रसायन का उपयोग करते हैं। जिसके कारण उसकी त्वचा में बहुत समस्या होती है इसके कारण से बहुत सारे लोग होली खेलना छोड़ दिए हैं। हम लोग को होली का त्यौहार सच्चे स्वरूप में ही मनाना चाहिए।
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होली समारोह क्या है।
आप लोग को भी पता होगा कि होली 1 दिनों का त्यौहार नहीं है क्योंकि बहुत सारे राज्यों में होली को 3 दिन तक मनाया जाता है।
दिन 1 :- पूर्णिमा के दिन एक थाली में रंग लेकर बड़े बुजुर्गों को रंग देते हैं और एक दूसरे के साथ होली खेलते हैं।
दिन 2 :- इस दिन होलिका का चित्र बनाकर जलाया जाता है। होलिका और प्रहलाद की याद में होली को जलाया जाता है। अग्नि देवता का आशीर्वाद के लिए अपने बच्चों के साथ जलाई होली के पांच चक्कर लगाया जाता है।
दिन 3 :- इस दिल को ‘ पर्व ‘ कहते हैं। और यह दिन होली उत्सव का अंतिम दिन होता है। इस दिन एक दूसरे पर रंग का पानी डाला जाता है। भगवान श्री कृष्ण और राधा की मूर्तियां पर भी रंग डाल कर पूजा किया जाता है।
होली के 10 महत्वपूर्ण चीजें क्या क्या हो सकता है।
- होली हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है और यह त्यौहार सिर्फ हिंदुओं लोग मनाते हैं।
- भारत में होली के रंगों का त्योहार भी कहा जाता है।
- होली हर साल फागुन महीने की पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है।
- होली 3 दिन का पर्व है पहले दिन रंगों का दिन होता है । दूसरे दिन होलिका दहन को जलाया जाता है और तीसरे दिन भगवान श्री कृष्ण और राधा जी की मूर्तियां पर रंग लगाकर उसकी पूजा की जाती है।
- होली कह दिया है हिरण्याकश्यप की कथा भी लोगों को सुनाई जाती है।
- होली के दिन होली का दहन को अच्छाई की बुराई पर विजय के रूप में माना जाता है।
- होलिका दहन के समय सभी लोग अपने घरों में मिठाई बना कर अग्नि को समर्पित करते हैं।
- धुलेंडी के दिन सभी लोग एक दूसरे को रंग और गुलाल लगाते हैं और होली के समय इंजॉय करते हैं।
- होली के दिन सबके घरों में मिठाई और ढेर सारे पकवान भी बनाया जाता है।
- होली ही एक ऐसा पर्व है जो अतीत बच्चे बुड्ढे सभी बड़े प्यारे और छोटे छोटे बालों को के साथ मिलकर मनाया जाता है।
निष्कर्ष
हर दिन की तरह आज भी आपने सीखा की होली क्यों मनाई जाती है। आप लोग इस पोस्ट को एक बार अच्छा से पढ़ोगे तो आपको आसान भाषा में समझ में आ जाएगा कि होली क्यों मनाई जाती है।
उम्मीद करता हूं आप लोग को यह पोस्ट अच्छा लगा होगा और अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करोगे।
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